अनन्या और दिग्विजय को तो मदहोशी में यह पता ही नहीं चला कि यशोधरा दरवाज़ा खोलकर कमरे में अंदर आ चुकी है और उसने सब कुछ देख भी लिया है। अब तक आपस में लिपटे वे दोनों अपने गंतव्य तक पहुँच चुके थे। यह दृश्य देखकर यशोधरा के मुँह से कोई आवाज़ ना निकल पाई। बस वह चक्कर खाकर वहाँ गिर गई। यशोधरा के धड़ाम से गिरने की आवाज़ सुनकर वे दोनों एक दूसरे में लिपटे हुए उस तरफ़ देखने लगे तो उनके होश उड़ गए। सामने यशोधरा नीचे गिरी पड़ी थी। मतलब उसने अंदर आकर सब कुछ देख लिया