प्रेम चंद्र कि कहानी मंत्र कि समीक्षा

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मंत्र तत्कालीन दो समाजों कि सामाजिक पारिवारिक पृष्ठभूमि विचार व्यक्तित्व के द्वंद कि कहानी है ।डॉ चड्डा जो पेशे से डॉक्टर है और उच्च जीवन शैली के आदि है जिसके कारण वह अपनी मूल जिम्मेदारी चिकित्सक के कर्तव्य कि भी बलि चढ़ाने से नही चूकते ।कहानी कि शुरुआत एव अंत दोनों ही मार्मिक एव संवेदनहीनता एव संवेदनशीलता के दो ध्रुवों के शांत टकराव किंतु झकझोर देने वाले परिणाम पर समाप्त होती है ।डॉ चड्डा गोल्फ खेलने के लिए तैयार होते है तभी डोली में अपने बीमार बेटे को लिए भगत डॉ चड्डा के पास आता है और बच्चे को बचाने