अब ये अक्सर [पत्नी हत्या] नहीं होनी चाहिए

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नीलम कुलश्रेष्ठ [ हमारी हिंदी फ़िल्मों ने तो ऐसी फ़िल्में बनाकर अपना दायित्व पूरा किया है जिसमें पति पत्नी की हत्या करके सबूतों के अभाव में साफ़ छूट जाता है. इसी विषय पर बनी फ़िल्म `अक्सर`में दीनू मोरिया [ फिल्म के हीरो ]फ़िल्म में अपनी पत्नी हत्या कर देते हैं. इन्स्पेक्टर इमरान हाशमी सब उनकी चालाकी समझ जाते हैं कि किस तरह सबूत मिटाये गए हैं लेकिन फ़िल्म के अंतिम दृश्य में सिर झटक कर चल देतें हैं, "ये तो अक्सर होता रहता है। "-- इसी संवाद से प्रेरित शीर्षक ] इक्कीस कहानी संग्रह की लेखिका `दम -बदम `कहानी संग्रह