इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से प्रकाशित सभी भाग अवश्य पढ़ें --------राजकुमार तेजी से पूर्व दिशा की ओर चल पड़ा । राजकुमार सात दिन और सात राते बिना विश्राम किये अपना घोड़ा दौड़ाता रहा । अपने रास्ते मे आने वाले सभी जंगलों , पहाड़ों , नदियों , खाइयों और घाटियों को पार करता हुया आठवें दिन प्रातः एक हरे भरे सुंदर वन में जा पहुंचा ।आगे रास्ता बंद था । राजकुमार के सामने इतना ऊंचा पर्वत था जिसे पार करना राजकुमार के लिए असम्भव था ।इतनी लंबी यात्रा करने के बाद राजकुमार काफी थक गया था ।