सूनी हवेली - भाग - 9

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यशोधरा का नाम सुनते ही दिग्विजय घबराया लेकिन फिर संभलते हुए उसने कहा, "अरे अभी से यह सब मत सोचो। जितने दिन यह सुख मिले उतने दिन तो भोगो। बाद की बातें बाद में देखेंगे।" कुछ समय इसी तरह बीतने के बाद दिग्विजय ने कहा, "अनन्या अब तुम अपने कमरे में जाओ।" दिग्विजय के होठों का एक बार फिर से चुंबन लेकर अनन्या वहाँ से अपने कमरे में जाने लगी। जाते समय उसके चेहरे पर मुस्कान थी। वह सोच रही थी हवेली की रानी बनने की यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण सीढ़ी उसने चढ़ ली है। अब अगली सीढ़ी पर जो