सूनी हवेली - भाग - 8

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अनन्या बार-बार दिग्विजय के कमरे के बाहर यहाँ से वहाँ घूम रही थी। दिग्विजय भी ऐसे ही किसी मौके की तलाश में था। दोनों का इरादा एक ही था, उनके बदन आग की तरह तप रहे थे। आखिरकार वह उठकर बैठ गया और उसने अनन्या को आवाज़ दी, "अनन्या!" अनन्या ने पहली ही आवाज़ पर जवाब दिया, "जी सर, क्या बात है?" "अनन्या, एक गिलास पानी ला दो।" "लाती हूँ," कहते हुए वह कुछ ही पलों में पानी का गिलास लेकर अंदर आ गई। इस समय उसने काले रंग का पतला-सा गाउन पहना हुआ था। उसे इस तरह आते देखकर