इस भाग को समझने के लिए इसके पहले से ही प्रकाशित भाग अवश्य पढ़ें .... मूर्ति राजकुमार से बोली - " तुम्हे तिलिस्मी पत्थर क्यो चाहिए ? " राजकुमार धर्मवीर बोला - " उस तिलिस्मी पत्थर से एक तिलिस्मी द्वार खुलेगा जिसमे तिलिस्मी कमल रखा हुया । जिस कमल से मेरे पिता जी ठीक हो जाएंगे और वन देव भी जीवित हो जाएंगे जिन्हें मेरे पिता जी मार दिया है क्यो की वह उस वक्त शेर के रूप में थे । "मूर्ति बोली - " वह तिलिस्मी पत्थर मेरे पास था लेकिन अब नही है उसको जादूगर शक्तिनाथ मुझसे छीन कर ले