रावी की लहरें - भाग 4

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बिखरा हुआ लहू   शाम का धुंधलका धीरे-धीरे चारों ओर छाने लगा था । बार्डर पर तैनात बी.एस.एफ. के सूबेदार रघुराज सिंह ने सरहद की ओर देखा था । दूर-दूर तक फैले कटीले तार भारत - पाक सरहद के गवाह थे। रघुराज सिंह पिछले दस सालों से सरहद पर तैनात है। इन दस सालों में सरहद पर कुछ नहीं बदला है। दूर-दूर तक फैली रेत, गर्मियों में लू के थपेड़े, रेत के अंधड़ और दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही सब कुछ वैसा ही है, जैसा दस साल पहले था ।  दुनियां जाने कहां से कहां तक पहुंच गई