“और क्या चाहिए” ( व्यंग्य ) भले ही प्रेम, अफेयर, लिव -इन रिलेशनशिप,लांग डिस्टेंस रिलेशनशिप,प्लूटोनिक लव तथा साहचर्य के विभिन्न विकल्प मौजूद हों मगर आज भी भारतीय परिवेश में शादी बेहद जरूरी मानी जाती है । ऊर्दू के एक उस्ताद राइटर ने फरमाया था कि “इश्क का ताल्लुक दिल से होता है मगर शादी -विवाह का ताल्लुक तनखाहों से होता है “। पहले शादी- विवाह अपने ही परिवेश में अपने ही नातेदार – रिश्तेदार लगाया करते थे । अब यह काम विवाह की वेबसाइट करवाया करती हैं । अपने परिवार को विवाह खोजने के अंतहीन थकाऊ काम से उद्धार करने