शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल - पार्ट 8

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"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( पार्ट -८)( प्यार में नफरत की कोई जगह नहीं अगर घर में कोई व्यक्ति विपरीत परिस्थिति में है तो घर के लोग ही उसे असली गर्मजोशी दे सकते हैं।)डॉक्टर शुभम मरीज सोहन को देखकर अपने भाई सोहन की याद आती है।भाई सोहन बिमार हो जाता है और हेल्थ दिनों दिन बिगड़ती जाती है।अब आगे मम्मी की रो रोकर हालत खराब होती थी । मुझसे देखा नहीं जाता था। मैं भी अकेले में रोता था। मम्मी  सोहन के पास रोती नहीं थी।अकेले मे रोती थी और मैं मायूस हो कर देखता था।एक दिन पापा-मम्मी सोहन