"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"(पार्ट -७)( डॉक्टर शुभम को मरीज सोहन को देखकर अपना भाई सोहन याद आ गया। वो थोड़ा बातुनी और शरारती था।यादों में शुभम गमगीन हो जाता था।)अब आगे....डॉक्टर शुभम को अपना बचपन याद आ गया।बचपन की वोह यादें कभी भूल नहीं पाता।भाई सोहन से अच्छी बनती थी।एक दिन मैं और सोहन भाई स्कूल से घर जा रहे थे।सभी लड़के अपने-अपने घर जा रहे थे, हम लोग खेलते खेलते और टहलते घर की ओर आ रहे थे। तभी हमें सड़क पर एक चौक दिखाई दिया। जिसमें रेखाएं खींचकर नींबू मिर्च और कुछ और रखा गया