करोटि काठमांडू से लौटकर कर्मा के पास गया और उसने कर्मा को हिदाययत देते हुए कहा कि जोहरा को सावन में हमारे सामने होना चाहिए वह भी मेरे सौंपे काम को अंजाम तक पहुंचाने के साथ कर्मा ने कहा हुजूर कि मर्जी खुदा कि मर्जी ऐसा ही होगा। कोशिकीपुर के लोग हर वर्ष बरसात बाढ़ बारिस के लिए चार महीनों की व्यवस्था करके रख लेते जिससे बाढ़ बरसात में परेशान न होना पड़े अमूमन हर साल काम चल जाता लेकिन किसी किसी साल ऐसा भी हो जाता कि बाढ़ का प्रकोप इतना भयंकर होता कि गांव वालों द्वारा बाढ़ बरसात