नक़ल या अक्ल - 43

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43 थप्पड़    बिरजू नशा करकर अपनी ही दुनिया में खोया हुआ है, इस बात से बेख़बर कि उसका भाई सुधीर मुंशी  के साथ उसे इस हाल में देखने आ रहा है। दरअसल जमींदार ने तो मुंशी के साथ जाने से मना कर दिया और उन्होंने सुधीर को भेज दिया, मुंशी भी बड़ी फुर्ती से उसको अपने साथ ला रहा है। अब जब वो गोदाम के पीछे कुएँ के पास पहुँचे तो उन्हें बिरजू कहीं दिखाई नहीं दिया। उन दोनों ने अच्छे से आसपास देखा, मगर फिर भी वह नहीं मिला और जब गोदाम के बाहर ताला देखा तो सुधीर