"शुभम - कहीं दीप जले कहीं दिल"( Part -6)(डॉक्टर शुभम को पत्नी युक्ति याद आती है। पहली बार मरीज़ के रूप में मिलीं थीं। वह पागलपन में छत पर चढ़कर बचकाना खेल खेलती है।)अब आगे...डॉक्टर शुभम ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन मरीज युक्ति चालाक थी। वो डॉक्टर का इरादा समझ गई कि मुझे पकड़ने के लिए आने वाले हैं।वह झट से छत पर चढ़ गयी.अस्पताल के नीचे खड़े सभी लोग तमाशा देख रहे थे।और ज़ोर से आवाज़ लगा रहे थे कि नीचे उतर जाओ,गीर जाओगी।युक्ति ने छत की पाली पर अपना संतुलन बनाते हुए डॉक्टर की ओर देखा