सावन का फोड़ - 7

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लागातार हो रहे अनाउंसमेंट को अनसुना करते हुए सन्त समाज आगे बढ़ गया फिर भी सन्त समाज के मन मे बच्चे के प्रति एक भावनात्मक लगाव हो चुका था संत समाज के प्रमुख सन्त थे पुरेश्वर और शेष कार्तिकेय रमेश एव सत्यानन्द सबकी आंखों से अश्रुधारा बह रही थी एक बार सन्त समाज ने अपने निर्णय पुर्नविचार करने एव बच्चे को साथ ले चलने का विचार बनाने लगा लेकिन प्रमुख सन्त पुरेश्वर ने सभी सन्तो से कहा हम लोग सन्त है हम ईश्वर के अस्तित्व एव उसकी सत्यता पर विश्वास करते है हमी लोंगो के कहने पर शास्त्रों के दर्शन