सपनों की परछाईंआर्या की जिंदगी एक आदर्श चित्र थी। वह पढ़ाई में अव्वल, परिवार में प्यारी और दोस्तों में आदर्श मानी जाती थी। उसकी मां, सुमिता, ने अपने जीवन की हर कठिनाई को पार करते हुए अपनी बेटी को एक सुंदर भविष्य देने की कसम खा ली थी। सुमिता के पास एक छोटे से काम का स्थायी रोजगार था—वह एक डॉक्टर के घर में काम करती थी। डॉक्टर की मां, सुश्री नंदनी, सुमिता की अच्छी दोस्त थीं। नंदनी ने हमेशा कहा, “तुम्हारी बेटी भी एक दिन अच्छी पढ़ाई करके नाम कमाएगी, चिंता मत करो। वह अपनी मेहनत से सब कुछ