वाजिद हुसैन सिद्दीकी की कहानीअंधेरा होते ही युवक ने कार सुनसान में बने ढाबे पर रोकी। देसी शराब की बोतल गटकने के बाद पकौड़ी खाकर मुंह का कसैलापन दूर किया। फिर फर्राटा भरने लगा। उसकी कार ने एक साइकिल को हिट किया। साईकिल वाला हवा में उड़ा, धम्म की आवाज़ के साथ ज़मीन पर गिरा और रुकने से पहले दो बार लुढ़का। उसने कार रोक दी। साइकिल वाला बिना हिले- डुले सड़क पर पड़ा हुआ था। दुर्घटना वाली जगह पर भीड़ थी और शोर शराबा था। वह सन्न दिमाग से चालक के बालों से रिसते खून