सपनो का शुभ अशुभ फल - भाग 26

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सपने - विशेष—इन नौ प्रकार के स्वप्नों में मंत्रज और देव ये स्वप्न सत्य होते हैं। आरम्भ के ६ प्रकार के स्वप्न प्राय: निष्फल होते हैं। अशुभ के आने पर व्यक्ति स्वप्न के पश्चात् जागकर सो जावे तो अशुभ स्वप्न का फल नष्ट हो जाता है। यदि स्वप्न के पश्चात् पुन: शुभ स्वप्न दिखाई पड़े तो अशुभ फल नष्ट होकर शुभ फल की प्राप्ति होती है। अशुभ फल के दिखलाई पड़ने पर जगकर णमोकार मंत्र का जाप करना चाहिये। यदि अशुभ स्वप्न के पश्चात् शुभ स्वप्न आवे तो दुष्ट स्वप्न की शांति के उपाय की आवश्यकता नहीं है। स्वप्न के सम्बन्ध