रात के करीब दस बज कर पंद्रह मिनट पर, सिद्धांत की बाइक एक गैरेज के सामने आकर रुकी । बाइक की आवाज सुन कर एक आदमी (अमन, उस गैरेज का मालिक) बाहर आया । उसकी उम्र कोई पैंतालिस - छियालिस साल रही होगी । उसने सिद्धांत को देख कर कहा, " तुम्हें आने की क्या जरूरत थी सिड, वो चला आता । " सिद्धांत ने उन्हें टौंट मारते हुए कहा, " हां, हां, आपका बस चले तो इसे अभी ही बॉर्डर पर भी भेज देंगे । " फिर उसने छोटू की ओर देख कर कहा, " और तू, अंदर जा