ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का - भाग 1

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पहली महिला :- दूसरी महिला से,,,,,सुना है बहन जी इनकी बेटी कल से घर नही आई है ,अरे उसके बाप ने देखो तो कितना खर्च किया है उसके लिए, और बेटी का कोई पता ठिकाना नहीं है कहां गई ,कल से उसका बाप गलीयो की खाक छान रहा है प्रश्र अभी तक कोई खबर नहीं है कि कहा है कहां नहीं।दूसरी महिला :- मुंह बनाते हुए,,,,सुना तो हमने भी यही है ,,पर इसमें गलती भी तो इनकी खुद की है। मैं तो पहले ही कहती थी कि बेटी को इतना सिर पर मत बैठा यो अब देर रात तक बेटियों