फागुन के मौसम - भाग 33

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लगभग एक घंटे तक लगातार काम करने के बाद जानकी पानी पीने के लिए उठी तो राघव भी उठकर बालकनी की तरफ चला गया जहाँ लगातार चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ें आ रही थीं। वहाँ जाकर राघव ने देखा जानकी ने चिड़ियों के लिए एक कटोरी में अनाज के दाने और दूसरी कटोरी में पानी भरकर रखा हुआ था। कुछ चिड़िया जब वहाँ पानी पीने आयीं तब पहले उन्होंने एक पल राघव को संशय से देखा और फिर उसकी तरफ से निश्चिंत होने के बाद वो आराम से पानी पीकर उड़ गयीं। राघव को उनका यूँ आना-जाना और चहचहाना इतना