जय श्री कृष्णा ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने,प्रणतः क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नमः।हे फैमिली आशा है की आप सब को मेरा ये नया प्रयास पसंद आ रहा होगा। कहानी के हर मोड़ का मजा ले, और अपने विचारों का निसंकोच हो कर टिप्पणी करे। आपके व्यक्त विचारों से मेरे लेखन में एक अद्भुत सहायता प्राप्त होती है। आप सब को मेरा झोला भर कर प्रेम ️️अब बिना देरी किए चलते है कहानी के ओर.... बनारस ( कश्यप हाउस ) खनक के हाथो से खून टपक रहा था और वो बिना किसी भाव के उस बह रहे खून को देखे जा