रुबिका के दायरे - भाग 4 (अंतिम भाग)

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भाग -4 “भ्रम फैला भी लेकिन लाचित ने अपनी बुद्धिमत्ता, रण-कौशल से ब्रह्मपुत्र नदी युद्ध में भी मुग़ल सेना को कुचल कर रख दिया। मुग़लों ने हार मानते हुए लिखा ‘महाराज की जय हो! केवल एक ही व्यक्ति सभी शक्तियों का नेतृत्व करता है! यहाँ तक कि मैं राम सिंह, व्यक्तिगत रूप से युद्ध-स्थल पर उपस्थित होते हुए भी, कोई कमी या कोई अवसर नहीं ढूँढ़ सका!’ ऐसे लोगों के बारे में इतिहास में कितना पढ़ाया जाता है? दक्षिण में भी मुग़ल असफल रहे। सच छिपा कर हर वह झूठ स्थापित किया गया जो इस देश को अपमानित महसूस कराए,