गुलकंद - पार्ट 7

  • 1.5k
  • 486

गुलकंद पार्ट - 7 उसके सीने से लग, अवश सी अन्नी रोए जा रही थी। उसको सांत्वना देता वीरेश खुद भी बहुत परेशान था। उसके घर को जैसे कोई श्राप सा लग गया था। मानो हाथ में पकड़ी हुई चीजें गायब हुई जा रही थीं... अभी कहीं कुछ रखा, फिर वहाँ कुछ नहीं है। जैसे जादू का कोई शो चल रहा हो। किचन के सामान, कपड़े, पेन... मोबाईल चार्जर... और आज तो अन्नी की आलमारी से पच्चीस हजार रूपये कैश गायब हो गये हैं। चीजें यदि गलती से इधर-उधर रख दी जाएँ तो समय पर भले न मिलें, बाद में