दहकते बुरांस और मैं

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पाठकीय प्रतिक्रिया यशवंत कोठारी दहकते  बुरांस और मैं मानवता वादी कहानियां – साहित्य में कहानी एक महत्वपूर्ण विधा है जो लम्बे समय से पाठकों की पसंद है .इसी क्रम में वरिष्ठ लेखक प्रफुल्ल प्रभाकर का तीसरी कहानी संग्रह आया है जो उनके पिछले दो संग्रहों की तरह ही प्रभावित करता है. इस किताब में उनकी २६ कहानियां है जो पाठक को बांध लेती है.स्वकथन में लेखक ने ठीक ही लिखा है की मुझे कहानी किआहट आती है और मैं कागज़ कलम लेकर लिखने बैठ जाता हूँ.कहानी समाज की हो जाती है.मेरे संगी साथी मुझे अपने लगते हैं वे मेरे साथ