नक़ल या अक्ल - 22

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22 नाम   गिरधारी गोदाम के अंदर गुस्से में घुसे तो उन्होंने देखा कि बिरजू बही खाते लिख रहा है। उसने मुंशी जी को घूरा तो वह शर्मिंदा हो गया। बिरजू ने बापू को देखा तो बोला,   “बाबू जी हो गया काम।“ उसने बही खाते उसे पकड़ाते हुए कहा। उन्होंने एक नज़र बही खातों पर डाली और खुश होकर कहा, “बहुत बढ़िया। क्यों मुंशीजी?” मुंशी क्या कहता, उसने भी हाँ में सिर हिला दिया। “अच्छा! बिरजू तुम्हारे दोस्त कहाँ है?”  “बाबू जी! वो तो मिलकर चल गए।“ ठीक है,  तुम रात को घर आओंगे तो तुमसे कुछ बात करनी