फागुन के मौसम - भाग 30

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लुंबिनी बाज़ार पहुँचकर राघव ने अपनी माँ, दिव्या मौसी, तारा और यश के साथ-साथ दफ़्तर के बाकी सभी लोगों के लिए उपहारस्वरूप भगवान बुद्ध की मूर्तियां और दूसरे स्मृति चिन्ह खरीदे, साथ ही उसके जिन एम्पलॉयीज़ के बच्चे थे उनके लिए उसने कुछ खिलौने भी खरीदे। तारा के लिए जब राघव अलग से रंग-बिरंगे मोतियों की एक माला खरीद रहा था तब अचानक उसने नोटिस किया कि जानकी एकटक उसी की तरफ देख रही थी। राघव से नज़रें मिलते ही जब जानकी ने अपनी आँखें दूसरी ओर फेर लीं तब राघव ने जल्दी से एक और माला खरीदी और उसे