पुस्तक समीक्षाभावों की पोटली है : पोटली ...एहसासों की****** पिछले दिनों जब अनुजा भारती यादव 'मेधा' का एकल कविता संग्रह "पोटली ...एहसासों की" स्नेह स्वरुप प्राप्त हुई थी, तो बतौर कलमकार से अधिक अग्रज के तौर पर मुझे अतीव प्रसन्नता का बोध हुआ था, तब मन के कोने में यह जिज्ञासा, उत्सुकता अब तक बनी रही कि मुझे कुछ तो अपने विचार व्यक्त करने ही चाहिए। वैसे भी काफी समय से भारती से आभासी संवाद और आभासी मंचों, पत्र पत्रिकाओं में पढ़ने सुनने का अवसर जब तब मिल ही जाता है। सबसे अधिक प्रसन्नता तब हुई, जबसे यह ज्ञात हुआ