द सिक्स्थ सेंस... - 29

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शर्माये हुये, ठिठके हुये से कदमों से चलकर सुहासी राजवीर के पास आयी और शर्माती हुयी सी नजरों से उसकी तरफ देखकर बोली- तुम्हे पता है राजवीर जब हम पहली बार मिले थे तब तुम्हे देखकर मुझे तुम बाकि लड़कों की तरह ही लगे थे, ऐसे लड़के जो एक लड़की की हल्की सी स्माइल को देखकर ही ये सोचने लगते हैं कि ये तो इज़ी टारगेट है लेकिन जैसे जैसे मैंने तुम्हे जाना, तुम्हे समझा, तुम्हारा नेचर देखा, तुम्हारी नजर और तुम्हारा नजरिया देखा वैसे वैसे मुझे ये यकीन होने लगा कि तुम बाकि लड़कों जैसे बिल्कुल नहीं हो, तुम्हारा