सुनहरी तितलियों का वाटरलू - भाग 4

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भाग-4 रिचेरिया ने बड़े प्यार से उसकी आँखों के आँसुओं को पोंछते हुए कहा, “डियर जेंसिया, हम कमज़ोर लोग नहीं हैं। आँसू कमज़ोर लोग बहाते हैं। और बहादुर हर सिचुएशन में रास्ता बना लेते हैं। तुम्हें याद ही होगा कि जिस दिन तुम साथ रहने के लिए आई तब शाम हो रही थी। नाश्ते के बाद मैंने बरतन हटाना चाहा, लेकिन तुमने मना कर दिया।  “मैं तुम्हें किचन जाने आने तक एकटक देखती रही। तुम्हारे शरीर की एक-एक मूवमेंट मुझे बिल्कुल सम्मोहित कर रही थी। मन कर रहा था कि, तुम उसी तरह मूव करती रहो, और मैं उस मूवमेंट