फ़ाइनल डिसीज़न - भाग 2

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भाग -2 गार्गी ने किचन में अपने लिए नाश्ता तैयार करते हुए माँ को फोन किया तो वह बहुत तनाव में उसी की कॉल की प्रतीक्षा करती हुई मिलीं। बात शुरू होते ही उन्होंने कहा, “गार्गी, तुम्हारी बेटी के प्रश्नों के जवाब दे पाना अब मेरे वश में नहीं रहा। अभी वह अठारह-उन्नीस की हो रही है। लेकिन मेरी हर बात को ग़लत कहना उसकी आदत बन गई है। तीस साल कॉलेज में बच्चों को पढ़ाया, लेकिन नातिन को बताने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है।  “मैं जब भी उससे पढ़ाई-लिखाई, टाइम से घर आने, हेल्थ का ध्यान रखने