अधिकारबत्तीस वर्षीय संदीप को दूसरा विवाह करते समय इस बात की पूरी जानकारी थी कि परिवार को बांधे रखने के लिये उन्हें कुछ अलग तरह के प्रयत्न करने होंगे। सारे प्रयास करके भी संदीप कभी अपने पुत्र को नहीं समझा पाये कि वह उनके लिये कितना अहम है। रीमा संग विवाह का निर्णय करते समय उन्होंने स्वयं को एक किशोर पुत्र का पिता बनने के लिये तैयार कर ही तो लिया था। जब से उन्होंने