आज मै फिर से पसीने से लथपत जाग गई । वही नीली आखें आज भी मुझे डराने ओर घबराने पर मजबुर कर देती है। मै सोफ़िया बोरिंग सी नॉवेल की दुनिया मे ज़ीने वाली लड़की हुँ। मुझे पता नहीं मेरे माँ बाप कौन थे कप्तान ने मुझे पाला पोशा हैं। लास्ट ईयर वो आचानक कही गायब हो गये,ओर छोर गये कुछ अनसुलझी बातें ओर एक बॉक्स। मैं 1 साल से इसे खोलने मे लगी हू लेकीन नाकाम रही इस मे लगा टाइमर मेरा 18 वीं जन्मदिन को अनलॉक होगा । मै बहुत उत्साहीत हुँ ! ट्रिंग ट्रिंग ट्रिंग .......ये क्या