गाँव के तिलिस्म भाग -3

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एक बार महिला एस.डी. एम साहिबा आईं तो उसने उनकी भी विजिट अपने गांव में रखी, महिलाओं की एक मीटि़ंग भी रखी। सुक्‍खो स्‍वयं संचालन कर रही थी, उसकी बेटी व स्‍वयं सुक्‍खो ने जिनके प्रार्थना पत्र नहीं थे तैयार किए। मेडम बहुत प्रभावित हुर्इ्रं सामाजिक कार्यों का ही निवेदन किया गया, कोई व्‍यक्तिगत निवेदन सुक्‍खो का नहीं था। मीटिंग का सारा कार्य पूर्ण निर्धारित समय पर सुचारू रूप से संचालित था। जबकि अधिकतर जगह सरपंच को ही समझ में नहीं आता था। वे पंचायत सेक्रेटरी पर निर्भर रहते। मेडम उत्‍सुकता न दबा सकीं पूंछ ही लिया’- कब से सरपंच