द सिक्स्थ सेंस... - 20

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आज का दिन--मौसम अभी भी बहुत खराब हो रहा था, आंखो को बेचैन कर देने वाली तेज रोशनी के साथ तेज तेज कड़कती आसमानी बिजली ऐसी लग रही थी जैसे वो आसमान में नहीं बल्कि ठीक राजवीर के कमरे के बाहर ही कौंध रही हो लेकिन सुहासी को अपने सामने देखने के बाद और उसकी प्यारी सी आवाज फिर से सुनने के बाद राजवीर को जैसे आसमान में हो रही इस तूफानी हलचल से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था!! ऐसा लग रहा था जैसे सुहासी के मुंह से अपने पास्ट के बारे में सुनकर राजवीर को कुछ कुछ बातें