रात की उसे गहरे काले अंधेरे में एक बहुत ही अजीब जगह जो खंडहरनुमा थी जिसे पास से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे उस खंडहर में बहुत समय पहले आग लगी हो वहां पर रोशनी का कोई नामों निशान नहीं था वहां का माहौल बेहद डरावना और भयंकर था। पत्तों की सरसराहट और अजीब से कीड़ों मकोड़ों की लगातार आवाज आ रही थी। और उसी खंडहर में एक बेहद ही डरावना काला साया खड़ा था, उसने खुद को पूरी तरह से काले कपड़ों में ऊपर से नीचे तक ढक रखा था यहां तक की उसका चेहरा भी मास्क