भाग 18रात को जब कविता घर पहुँची तो विक्रम पहले से ही कमरे में मौजूद था। उसके हाथों में शॉपिंग बैग देखकर वह मुस्कुराते हुए बोला, “क्या बात है! इतनी सारी खरीदारी। वैसे, जहाँ तक मेरी जानकारी है मैडम आप केस के सिलसिले में गईं थीं पर…यहां तो हाथों में बैग भर शॉपिंग करके लौट रहीं हैं।” “जलन हो रही है कि तुम्हारे लिए कुछ नहीं लाई।” कविता ने बैग बिस्तर पर पटकते हुए कहा। “जानेमन, हमें आपसे क्यों जलन होने लगी भला। आप इन डिज़ाइनर सूट को पहन कर जब पार्टी में आएंगी तो शान तो हमारी ही बढ़ेगी