भाग 15“माधवी जी, नमस्ते। मैं कविता राठोर। आपसे फोन पर बात हुई थी।” “जी कविता मैम, आइए, अंदर आइए।” ये कह माधवी, मेनेजर विपुल की साली कविता को अंदर ले गई। “बैठिए कविता मैम। क्या लेंगी आप? ठंडा-गर्म कुछ मंगवाऊं?” “नहीं माधवी जी, बस चंद सवालों के सही जवाब चाहिएँ। आप नीलम अहूजा को जानती हैं?” “जी, वो मेरी कॉलेज की सहेली है।” “आपने ही उसे अपने जीजाजी विपुल के रेस्तरां में उसकी सिफारिश की थी?” “जी मैम, मैं उसकी मदद करना चाहती थी।” “तो नीलम खुद आपके पास आई थी, अपनी सिफारिश करवाने?” कविता ने पूछा। “दरअसल मैम, मेरी