सर्कस : १४ सुबह हो गई। अपना रोज का काम खतम करने के बाद मैं बाहर आ गया। नहाने के बाद कमरे में बैठना मुश्किल हो जाता था। शुरू-शुरू में बाकी लोगों की ओैर जानवरों की आवाज से बहुत परेशान रहा। नींद ही नही आती थी। घर में मेरे लिए स्वतंत्र कमरा था