उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 15

  • 1.3k
  • 654

भाग 15 राजेश्वर धीर-गम्भीर रहता तथा उसकी कही गयी किसी भी बात को आदेश मानकर उसका पालन करने को सदैव तत्पर रहता। कभी भी ऐसा न हुआ कि उसने राजेश्वर से कुछ कहा हो और किसी भी परिस्थिति में राजेश्वर ने वो काम न किया हो। शालिनी जानती है कि राजेश्वर का अपना परिवार है। उसके माता-पिता हैं, पत्नी है....दो छोटे बच्चों का उत्तरदायित्व भी है उस पर। उसके माता-पिता भी उसके पास ही रहते हैं। एक छोटा भाई है जो दूसरे शहर में सरकारी नौकरी पर तैनात है। भाई का परिवार उसके साथ वहीं रहता है। शालिनी सोचती ऊपर