उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 6

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भाग 6 समय व्यतीत होता जा रहा था। दीदी का ग्रेजुएशन पूरा हो चुका था। उन्होंने स्नातकोत्तर की कक्षा में प्रवेश ले लिया था। मेरा स्नातक पूरा होने वाला था। इन्द्रेश के चुनाव जीत जीने पर मेरे घर वालों की कोई प्रतिक्रिया न थी। हम सब जानते थे कि उसके चुनाव जीतने से ताऊजी के परिवार के लिए लोगांे के अहंकार व घंमड बढ़ने का एक और कारण मिला है। उनके दुव्र्यवहार, उनके लड़कों के घमंड में और वृद्धि होने जैसा है यह चुनाव। अब ताऊजी के दरवाजे पर लोगों की भीड़ हर वक्त लगी रहती थी। छोटी जगहों पर