यात्रा संस्मरण की प्रेरणा जब मैं यहाँ आने की तैयारी कर रहा था, तब टेलीविजन के किसी कार्यक्रम में एक दिन हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने उद्बोधन में कहा था कि आप जब विदेश जाते हैं, तो अपने यात्रा संस्मरणों को अवश्य लिखें। इससे एक देश दूसरे देश के बारे में अधिक से अधिक पढ़कर जानने समझने की कोशिश करता है इससे आपस में एक दूसरे से नजदीकियाँ बढ़तीं हैं। विश्वबंधुत्व की भावना बढ़ती है। लोगों के द्वारा लिखे अपने संस्मरण भावनात्मक रूप से एक दूसरे के दिलों को स्पर्श करेंगे। इससे हमारे देश में और समाज में