फागुन के मौसम - भाग 9

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तारा ने जैसे ही राघव के केबिन का दरवाजा खोला, राघव ने नशीली आँखों से उसकी तरफ देखते हुए कहा, "वैदेही, तुम आ गयी।" यश ने सवालिया निगाहों से तारा को देखा तो पाया उसके चेहरे पर भी हैरानी के भाव थे। अपनी कुर्सी से उठकर तारा की तरफ आते हुए राघव के कदम अभी लड़खड़ाए ही थे कि यश और तारा ने फुर्ती से आगे बढ़कर उसे सँभाल लिया। उनके देखते ही देखते राघव की आँखें बंद हो चुकी थीं। "मुझे लगता है राघव बेहोश हो गया है।" यश ने घबराते हुए कहा तो तारा बोली, "हमें राघव को