फागुन के मौसम - भाग 7

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राघव अभी कार से उतरा ही था कि नंदिनी जी ने उसके पास आते हुए कहा, "बेटा, तुम्हें मौसी ने आश्रम में बुलाया है।""कोई ख़ास बात है क्या माँ?""अब ये तो वहीं जाकर पता चलेगा बेटा।""अच्छा, आओ बैठो।" राघव ने कार का दरवाजा खोलते हुए कहा तो नंदिनी जी अंदर बैठते हुए बोलीं, "मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था बेटा कि हम किराए के एक कमरे वाले छोटे से मकान से निकलकर अपने स्वयं के इतने अच्छे घर में रहने लगेंगे और एक दिन तुम अपनी कार में मुझे बैठाकर कहीं ले जाओगे।हमारे इस अच्छे दिन के