तन मेरा महका है

  • 570
  • 141

1.तन मेरा महका है जब - जब ख़्याल तुम्हारा महका है, इत्र से भला क्या काम मुझे अब तुम्हारा जिक्र ऐसा है...!!2.निहार रहे हैं तुम्हें बिना पलक झपकाये,क्या पता तुमसे कब नजर मिल जाये...!!3.हिचकियों पे अपनी हँसी आयी है... उफ्फहमारी याद उसे आज दिन मे भी आयी है...!!4.गहने, कंगन, झुमके, के बिना भी में मुझे सजा सकता हैंवो शायर हैं अपने लफ्जों से ही दुल्हन बना सकता हैं!!5.सज़दा तुझे करूँ तो काफिर कहेंगे लोग,ये कौन सोचता है तुझे देखने के बाद।।6.हर वक्त शायरी नहीं होती जनाब...!!कभी - कभी बेकरारी भी बयाँ हो जाती है...!!7.तुमसे जुड़े हर अहसास मेरे लिएबहुत खास