लागी तुमसे मन की लगन

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1.हम तुझसे किस हवस की फलक जुस्तुजू करेंदिल ही नहीं रहा है जो कुछ आरजू करेंतर-दामनी पे शेख हमारी ना जाईयोदामन निचोड़ दें तो फ़रिश्ते वजू* करेंसर ता क़दम ज़ुबां हैं जूं शम’अ गो की हमपर यह कहाँ मजाल जो कुछ गुफ्तगू करेंहै अपनी यह सलाह की सब ज़ाहिदान-ए-शहरए दर्द आ की बै’अत-ए-दस्त-ओ-सुबू करेंमिट जाएँ एक आन् में कसरत नुमाईयांहम आईने के सामने आके जब हू करें2.सुनों कुछ शब्द तुम्हारे लिए होतें हैंजो पढ़कर मुस्कुराओ तो इत्तला कर दिया करो... 3.संजीवनी सा हो गया है रे... तु तो जरा सी आने में देर करता है तो मरने लगती हूँ मैं...!!4.थोड़ा