मैं, मेरा सपना और फिर वो

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मैं, मेरा सपना और फिर वो(शॉर्ट स्टोरी - घर का छोटा बेटा उपन्यास से।)लेखक - एन आर ओमप्रकाश अथक। एक बार एक लड़का होता है। बहुत सीधा सादा, सरल सहभाव, और सुलझा हुआ। अपने सपनो के प्रति ईमानदार, दृढ़ संकल्पित, अनुशासित और समर्पित। घर से दूर एक अनजान शहर में अपने सपनों को पूरा करने आता है। जहां उसका कोई अपना नहीं था। और अपनों की याद मिटाने के पुर्णजोर कोशिश करके कुछ महीनों में शहर में समायोजित हो जाता है। एक 10×10 के काले रंग की चार दिवारी में कैद होकर अपने आप को भविष्य की गर्भ में विकसित