रिश्ता तो हमारा था

1.प्रेम किसी के होठों को छू लेने से पहले हक़ देता है उसके माथे को चूम लेने का! उसके पैरों को माथे पर लगा लेने का। उसको अपनी बाहों में भरकर सारी दुनिया से महफूज़ कर देने का। दरअसल प्रेम में पड़े इंसान को डरना ही नहीं चाहिए! किसी से भी नही!समय से भी नहीं क्योंकि प्रेम हमें सिखाता है, ऐसे हक़ के पलों में समय को रोक देने की कला ।2.गलती तेरी थी या मेरी क्या फर्क पड़ता है रिश्ता तो हमारा था3.सम्बन्ध भले "वैध" "अवैध" हो सकते हैमगर "प्रेम" नही ... 4.मन चाही चाहत की भी क्या कोई