अब और सनबर्न नहीं चाहिए - 3 (अंतिम भाग)

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एपीसोड ---3 मैं भी घबराई हुई थी, “मौसी ! सोच लीजिये घर पर डिलीवरी करने मेंकुछ गड़बड़ हो गई तो ?” डॉक्टर मौसी “जब सब नार्मल है तो गड़बड़ क्यों होगी ? यदि कुछ हुआ भी तो अस्पताल पास में है । घर पर डिलीवरी से सबको आराम रहेगा । नहीं तो फिर अस्पताल की भागदौड़ करनी पड़ेगी ।” मामा ने उनके कहने पर मूँज की चारपाई के पैरों की तरफ़ वाली मोटी रस्सी बीच से खोल दी थी । प्रसवपीड़ा जब चरम पर पहुँचने लगी तो मौसी ने मामी को इस पर लिटा दिया । उन्होंने पास में एक