भारत की रचना / धारावाहिक आठवाँ भाग रात ढले ज्योति और रचना, दोनों ही अपने कमरे में थीं. सारी लड़कियां भी 'स्टडी' समाप्त हो जाने पश्चात अपने-अपने कमरों में बंद हो चुकी थीं. इसके साथ ही धीरे-धीरे हॉस्टल का अमुचा वातावरण अंधेरी अंधेरी रात के साए में लिपटता गया. चारो तरफ मूकता एक तीसरे आगुन्तक के समान रात्रि की इस खामोशी का दामन थामकर अपना अधिकार कर बैठी. ज्योति और रचना भी लेती हुई थीं. अपने कमरे में 'स्टडी' समाप्त करके वे सोने तो आ गई थीं, पर उनकी आँखों में नींद नहीं थी. नींद न आने का कारण रचना